बेबीडॉल आर्ची उर्फ अर्चिता फुकन को लेकर इन दिनों असम में जबरदस्त चर्चा हो रही है। असम की यह लोकप्रिय सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अचानक एक बड़े साइबर डिफेमेशन यानी साइबर बदनामी के मामले में फंस गई हैं। बीते कुछ दिनों में सोशल मीडिया पर अर्चिता फुकन की कई मॉर्फ्ड (कृत्रिम तरीके से एडिट की गई)और अश्लील तस्वीरें वायरल हो गईं। इन तस्वीरों के जरिए अर्चिता को गलत ढंग से पेश किया गया और उनकी छवि को गहराई से नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई। यह सब अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का इस्तेमाल करके किया गया, जिससे तस्वीरें असली जैसी दिखें।
#कैसे सामने आया मामला?
जब सोशल मीडिया पर ये फर्जी और आपत्तिजनक तस्वीरें वायरल होने लगीं तो अर्चिता फुकन ने इसकी शिकायत की। इसके बाद डिब्रूगढ़ पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इस साइबर अपराध के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने न केवल अर्चिता की तस्वीरें एडिट कर अश्लीलता का रूप दिया बल्कि उनके नाम को जोड़कर अफवाहें फैलाईं कि वह अमेरिका में रहती हैं और एडल्ट इंडस्ट्री में काम करती हैं।
यह खबर तेजी से पूरे असम में फैल गई और लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इस घिनौनी हरकत की कड़ी निंदा की। पुलिस ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी को पकड़ने में सफलता पाई और आगे की जांच में जुट गई है।
#कौन हैं अर्चिता फुकन? कैसे बनीं इंटरनेट सेंसेशन?
अर्चिता फुकन जिन्हें सोशल मीडिया पर लोग *बेबीडॉल आर्ची* के नाम से जानते हैं, असम की एक उभरती हुई सोशल मीडिया स्टार हैं। इंस्टाग्राम पर उनका अच्छा-खासा फॉलोइंग है। वह खासकर अपने रील्स और ट्रेंडिंग कंटेंट के लिए जानी जाती हैं।
उनकी लोकप्रियता तब अचानक बढ़ गई जब उन्होंने इंस्टाग्राम पर 'Dame Un Grrr' गाने पर एक रील पोस्ट किया। इस रील ने इंटरनेट पर तहलका मचा दिया और 70 लाख से भी ज्यादा व्यूज हासिल किए। इसके बाद से अर्चिता फुकन का नाम हर जगह चर्चाओं में आने लगा। उनके फैंस की संख्या तेजी से बढ़ी और वह एक स्थानीय सेलेब्रिटी बन गईं।
# केंड्रा लस्ट के साथ तस्वीर ने भी खींचा ध्यान
इससे पहले भी अर्चिता तब सुर्खियों में आई थीं जब उनकी एक तस्वीर मशहूर अमेरिकी एडल्ट स्टार केंड्रा लस्ट के साथ वायरल हुई थी। इस फोटो ने लोगों का ध्यान खींचा और इस पर कई तरह की चर्चाएं भी हुईं। बाद में अर्चिता ने खुद सामने आकर स्पष्ट किया कि वह केंड्रा लस्ट से प्रभावित हैं और उनकी कहानी ने उन्हें जिंदगी में आगे बढ़ने का हौसला दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि वह केंड्रा की सफलता से प्रेरित हैं और उन्हें एक रोल मॉडल के रूप में देखती हैं।
#क्या है साइबर डिफेमेशन का मामला?
कुछ साइबर अपराधियों ने अर्चिता फुकन की लोकप्रियता का गलत फायदा उठाने की कोशिश की। उन्होंने उनकी असली तस्वीरों को एडिट करके, एआई टेक्नोलॉजी की मदद से बेहद अश्लील और आपत्तिजनक बना दिया। इतना ही नहीं, इन तस्वीरों के साथ झूठी कहानियां जोड़ दी गईं, जैसे कि अर्चिता अमेरिका में रहती हैं और उन्होंने एडल्ट इंडस्ट्री में काम करना शुरू कर दिया है।
इन झूठी बातों और फर्जी तस्वीरों ने सोशल मीडिया पर आग की तरह फैलकर अर्चिता की छवि को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाया। इससे ना सिर्फ उनके फैंस को धक्का लगा बल्कि उनके परिवार और निजी जीवन पर भी असर पड़ा।
# जनता का गुस्सा और पुलिस की कार्रवाई
जब यह मामला सामने आया तो पूरे असम में जनता में जबरदस्त गुस्सा देखने को मिला। सोशल मीडिया पर लोगों ने एकजुट होकर इस तरह के साइबर अपराध के खिलाफ आवाज उठाई। कई यूजर्स ने अर्चिता का समर्थन किया और कहा कि किसी भी लड़की के साथ इस तरह की हरकत बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
डिब्रूगढ़ पुलिस ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया। पुलिस के अनुसार, आरोपी ने न सिर्फ फर्जी तस्वीरें वायरल कीं, बल्कि जानबूझकर अर्चिता को बदनाम करने की कोशिश की। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईटी एक्ट साइबर क्राइम की धाराएं और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
#क्यों है यह मामला संवेदनशील?
आज के डिजिटल युग में जब सोशल मीडिया इंसान की पहचान और छवि का बड़ा जरिया बन गया है, ऐसे में किसी की छवि से इस तरह का खिलवाड़ न केवल साइबर अपराध है बल्कि सामाजिक अपराध भी है। खासतौर पर महिलाओं को निशाना बनाना और उनकी छवि को धूमिल करने की ये घटनाएं बेहद चिंता का विषय हैं।
इस केस ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर महिलाओं की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए। एआई टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल अब साइबर अपराधियों के लिए एक नया हथियार बन गया है, जिससे वे किसी की भी इज्जत और पहचान के साथ खिलवाड़ कर सकते हैं।
आगे की जांच जारी
डिब्रूगढ़ पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है ताकि यह पता चल सके कि इस पूरे मामले में और कौन-कौन शामिल है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इस घटना के पीछे कोई गिरोह काम कर रहा है या फिर यह किसी व्यक्तिगत दुश्मनी का नतीजा है।
पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की हरकत करने से पहले सौ बार सोचे।
निष्कर्ष
अर्चिता फुकन उर्फ बेबीडॉल आर्ची के साथ जो हुआ, वह किसी भी सामान्य व्यक्ति के साथ हो सकता है। यह मामला समाज में एक गंभीर संदेश देता है कि डिजिटल दुनिया में किसी की पहचान और गरिमा कितनी असुरक्षित हो सकती है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और जनता के समर्थन से अर्चिता को न्याय की उम्मीद जगी है।
यह जरूरी है कि ऐसे मामलों में कानूनी व्यवस्था और साइबर सुरक्षा को और मजबूत किया जाए ताकि महिलाओं और आम नागरिकों की पहचान व इज्जत डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सुरक्षित रह सके।
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